ब्रह्मांड की यात्रा। | ब्रह्मांड का आकार। | ब्रह्मांड की सीमा।
क्या हमारा ब्राह्मण हमारे तरा मण्डल तक ही सीमित है या इससे भी बड़ा है। क्या है ब्राह्मण और कहां तक है ये। जानते हैं।
तो बात शुरू करते हैं हमारे धरती के चांद से।
मुझे बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन आप जिस तस्वीर को अपने स्क्रीन के ऊपर देख रहे हैं वह है हमारा चांद यानी कि हमारा मून। जो कि हमारी धरती से 4 गुना छोटा है और इतना ही नहीं वह Serus है और Pluto नाम के ग्रह से भी बड़ा है। उसके बाद बात करते हैं Mercury की, Mercury हमारे चांद से बहुत बड़ा है। उसके बाद बात करते हैं Ganymede की जो कि एक और ग्रह है, वह Mercury से बड़ा है। उसके बाद बात करते हैं, Mars की याने कि मंगल की जोकि Ganymede से भी बड़ा है। फिर बात करते हैं Venus की, जोकि मंगल से बहुत ज्यादा बढ़ा है और फिर बात करते हैं हमारी पृथ्वी, हमारी धरती की जो कि Venus से बड़ा है। इसके बाद हम बात करते हैं तो Kepler की, यह ग्रह है जो कि हमारी पृथ्वी से कई गुना ज्यादा बढ़ा है। इसके बाद बात करते Neptune की जो कि Kepler से भी बड़ा है। फिर बात करते Uranus की जो कि Neptune से बड़ा है। उसके बाद Saturn जो कि Uranus से भी बड़ा है। फिर बात करते हैं एक और सितारे की जो कि हमारे Saturn से भी बड़ा है। फिर बात करते हैं Jupiter की जो कि उस सितारे से भी बड़ा है, फिर बात करते हैं एक और ग्रह की जिसका नाम है hd100546b जो कि बाकी ग्रहों से बड़ा है और फिर हमारा सूरज जो कि इन सारे ग्रहों से सबसे बड़ा है। फिर बात करते हैं Sirus की जो कि हमारे सूरज से भी बड़ा है। फिर बात करते हैं Pollux की जो कि Sirus से भी बड़ा है। Pollux के बाद आता है Arcturus जो कि Pollux से भी बड़ा है, उससे भी बड़ा सितारा है Aldebaran और फिर उसके बाद उससे भी बड़ा सता रहा है Rigel जिसे ब्लू सुपर जाइंट भी कहते हैं। उससे भी बड़ा है Pistol star और उससे भी बड़ा है Antares जो कि एक सितारा है, उससे भी बड़ा है Betelgeuse और फिर उससे भी बड़ा है VY Canis Majoris और उससे भी बड़ा है UY Scuti. ये सारे सितारे हमारे ग्रह से काफी बड़े हैं। अब इस दायरे को हम बढ़ाते बढ़ाते ब्रह्मांड के आकार तक जा रहे हैं। क्या है ब्रह्मांड? कितना बड़ा है ब्रह्मांड? जरा देखिए आप इसे, तो शायद आपको हकीकत का पता चलेगा कि हम लोग क्या है? इंसान क्या है? यह जो दृश्य आप देख रहे हैं, लाखों करोड़ों सितारे हैं, खरबों सितारे हैं। यह हमारा galaxy है जहां पर लाखों करोड़ों सारे एक साथ इखट्टा है। और ये खरबों सितारे मिल करके बनाते हैं एक गैलेक्सी जोकि है हमारा आकाशगंगा। हमारा मिल्कीवे गैलेक्सी। यह है हमारा आकाशगंगा जिसकी सीमा अपार है जो कि बहुत बड़ा है, जिसमें लाखों करोड़ों अरबों सितारे है, यह है हमारा मिल्कीवे गैलेक्सी। जरा सोचो इसकी आकार के बारे में सोचो। मिल्कीवे गैलेक्सी के उलट, ऑपोजिट में एक और गैलेक्सी है। और ना जाने उन जैसे कितने गैलेक्सी, आकाशगंगा हमारे चारों ओर है ना जाने कितने करोड़ों की संख्या में है। उन सारों को मिलाकर के जो बनता है वह है हमारा ब्रह्मांड। उन सभी गैलेक्सी उन सभी मंडलों को मिलाकर के जो बनता है वह है हमारा ब्रह्मांड। यह है हमारा ब्रह्मांड। जिसमें लाखों करोड़ों अरबों गैलेक्सी है, यह है हमारा ब्रह्मांड यह है हमारा यूनिवर्स। और इतना ही नहीं आप इस वक्त जो अपने स्क्रीन में देख रहे हो यह हमारे यूनिवर्स। एक बॉल। और इतना ही नही ना जाने अपने यूनिवर्स की तरह ना जाने और कितने हजारों लाखों करोड़ों की संख्या में यूनिवर्स है जो कि आपस में एक साथ हैं और यह करोड़ों की संख्या में यूनिवर्स मिलकर बनाते हैं Multiverse। और क्या पता इन सारे multiverse के ऊपर भी एक Superverse हो जिसमें हजारों मल्टीवर्जन करोड़ों मल्टीवर्स हो। यह है हमारा ब्रह्मांड। अगर यहां से माइक्रोस्कोप लगाकर के भी देखा जाए तो तुम नहीं दिखने वाले, कोई नहीं दिखने वाला। इन सारी बातों के अलावा अगर मैं बात करूं तो क्या कभी सोचा है? यह कैसे आया होगा? कहां से आया होगा? यह ब्रह्मांड बना तो बना कैसे? इतना बड़ा स्पेस इतना बड़ा जगह कैसे चल रहा है?दोस्तों आज के आर्टिकल में इतना ही, उम्मीद करते हैं कि यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा हो। जिन्होंने भी हमारे वेबसाइट को सब्सक्राइब नहीं किया है, यार उन से मेरी गुजारिश है कि यार प्लीज हमारी वेबसाइट को सब्सक्राइब कर लो। क्योंकि आप भी जानते हो कि एसी वेबसाइट आपको दोबारा नहीं मिलेगा और इस आर्टिकल को अपने सोशल मीडिया में शेयर जरूर करना। तो दोस्तों मिलते हैं अगले आर्टिकल में तब तक के लिए नमस्कार।
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