दुनिया के सबसे बड़े अनसुलझे रहस्य।

हेलो दोस्तों साईमिस्टीरिस में आपका स्वागत है। यूं तो हमारी इस विचित्र दुनिया में हर पल कुछ ना कुछ मिस्टीरियस घटित होता रहता है, जिनमें से कुछ मिस्टीरिस को समय के साथ-साथ सुलझा लिया जाता है। लेकिन कुछ रहस्य ऐसे भी होते हैं जिनका जवाब बड़े-बड़े एक्सपर्ट और हमारी मॉडन साइंस के पास भी नहीं होता। जिनका कारण या तो फैक्ट्स और सबूतों का अभाव होता है या फिर हमारी नॉलेज का भाव। आज हम अपने इस एपिसोड में ऐसे ही कुछ बेहद रोमांचक अनसुलझी मिस्ट्रीज के बारे में आपको बताएंगे जिन्हें आज तक कोई भी सुलझा नहीं सका है, जो आज भी एक अबूझ पहेली के रूप में हमारे आगे चुनौती बनकर खड़ी हैं। आज के हमारे से एपिसोड में हम ऐसे ही रहस्यौं की बात करेंगे, जिन्हें सुलझाने की कोशिश तो कई बार हुई लेकिन यह गुत्थीयां सुलझने की बजाय और ज्यादा उलझ कर रह गई है। आज का यह आर्टीकल इस नजरिए से भी बेहद खास है कि हमने इस आर्टीकल में अलग-अलग टोपिक्स को इस एपिसोड में शामिल किया है ताकि ज्यादा से ज्यादा ऑडियंस इस आर्टीकल का मजा ले पाए। तो आइए दोस्तों जानते हैं इन रहस्यौं के बारे में।


1. ILLUMINATI

एक मई 1776 में एक जर्मन फिलॉस्फर "एडम विशाउट" ने एक सीकरेट सोसाइटी का निर्माण किया जिसका नाम था ऑर्डर ऑफ इलुमिनाटी। इलुमिनाटी एक लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ होता है प्रबुद्ध(enlightened)। इस सोसाइटी का हिस्सा बनने वाले लोगों को इलुमिनाटी कहा जाता था। वैसे तो आप में से किसी ना किसी ने गीता, कुरान, बाइबल या गुरु ग्रंथ साहिब को पढ़ा होगा या फिर उनके उपदेशों का पालन करते होंगे। तो आपको यह भी पता होगा कि भगवान और शैतान दोनों ही होते हैं। भगवान को जहां अच्छाई का प्रतीक माना जाता है वहीं शैतान को बुराई के रूप में देखा जाता है। इलुमिनाटी के सदस्य लुसिफर यानी शैतान के अनुयाई थे और वह लोग ऐसा मानते थे की लुसिफर ही सर्वशक्तिमान है और वह सब कुछ देख रहा है और वह सब कुछ जानता है और इसी कारण लुसिफर सर्व बुद्धिमान है। यानी कि इनलाइटेंड है। यही नहीं इलुमिनाटी के सदस्यों का यह भी मानना था कि यदि कोई व्यक्ति लुसिफर को मानता है, तो बदले में उसे ऐसी नॉलेज प्राप्त हो जाएगी जिसकी सहायता से वह व्यक्ति या तो उनका समूह या दुनिया पर राज कर सकता है या पूरी दुनिया को अपने हिसाब से चला सकता है। द ऑर्डर इलुमिनाटी की स्थापना के कुछ ही दिनों में यह सीक्रेट सोसायटी तेजी से अपना विस्तार करने लगी और लोग बड़ी तादाद में इलुमिनाटी बनने लगे। द ऑर्डर इलुमिनाटी  के इतनी तेजी के विस्तार से डरकर तत्कालीन शासक ने सीकरेट सोसाइटी को बंद करने का आदेश दे दिया और यह सीक्रेट संगठन रातों-रात विघटन हो गया और इसके बाद से किसी भी इलुमिनाटी का कोई पता नहीं लगा क्योंकि यह लोग अभी से अपने संगठन को बेहद खुफिया ढंग से चला रहे थे। अब हम इसे चला रहे थे, कहीं या चला रहे हैं कहीं यही तो सबसे बड़ी मिस्ट्री है। क्योंकि इलुमिनाटी अस्तित्व खत्म हो चुका है या वह अभी हमारे बीच में मौजूद हैं। यह आज भी एक अनसुलझी पहेली है। इलुमिनाटी के बारे में यूं तो कई कंस्पिरेशन थियोरीस प्रचलित हैं, जिनमें से एक कंस्पिरेशन थियोरीस का कहना है कि इलुमिनाटी आज भी हमारे बीच मौजूद हैं और इस सीक्रेट सोसाइटी का हिस्सा आज के कुछ जाने-माने लोग हैं। ऐसा माना जाता है कि इलुमिनाटी से जुड़ने के बाद ही इन लोगों को ऐसा ज्ञान प्राप्त हुआ, जिसकी वजह से यह लोग आज कम समय में बेहद तेजी से कामयाब हो गए। इस कंस्पिरेशन थियोरी कि अगर माने तो विश्व में हुई सबसे बड़ी घटनाओं के पीछे भी इलुमिनाटी का हाथ है। इलुमिनाटी दुनिया में अशांति और अराजकता फैलाने की भरसक कोशिश करते हैं ताकि दुनिया को लुसिफर के आने के लिए माकूल बनाया जा सके। इलुमिनाटी कोई अवधारणा है या कोई अनसुलझा सच आज तक कोई पता नहीं लगा पाया है। आपकी इस बारे में क्या राय है। हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।


2. The Ghost Ship

1947 के जून में 2 अमेरिकन जहाज मल्लका नाम की जगह से गुजर रहे थे। तभी उन्हें एक बेहद अजीब और डरावना एस औ एस कम्युनिकेशन मैसेज आया। इस मैसेज का सोर्ष अज्ञात था, लेकिन इस मैसेज में जो बात कही गई वह बेहद चौका देने वाली थी। वह मैसेज कुछ इस प्रकार था "All officers including the captains are dead. Lying in chartroom and bridge. Possibly all crew dead".
इस मैसेज के लगभग 1 मिनट बाद एक और मैसेज मिला "I die"। उस कम्युनिकेशन में इन 2 मैसेज के अलावा और कुछ भी नहीं ट्रांसलेट हुआ था और क्योंकि इन मैसेजेस का सोर्ष अज्ञात था। उस वक्त मल्लका के तटों के पास जितने भी जहाज थे, उन सभी को इत्तला किया गया और इस जहाज को ढूंढने की कवायद तेजी से शुरू हो गई। कुछ समय के सर्च ऑपरेशन के बाद एक डच जहाज को ढूंढ निकाला गया, जिसका नाम था "ऐस ऐस ओरांग मेडांन"। जब वो लो जहाज के डेक पर पहुंचे तो वहां का नजारा बेहद विभक्त और मिस्टीरियस था क्योंकि जहाज का पूरा का पूरा करू मर चुका था और उस जहाज पर अब जिंदगी का कोई नामोनिशान नहीं था। लेकिन एक बात जो इससे भी ज्यादा विचित्र थी। वह यह इस सीप पर मरे सभी लोगों की लाशों पर विपुल एक समान भाव थे। इन लाशों की आंखें फटी पड़ी थी और इनका मुंह खुला हुआ था। जिन्हें देखकर ऐसा लग रहा था मानो इन लोगों ने मरने से पहले कोई भयावह दृश्य देख लिया था। यही नहीं शिप के डेक पर मौजूद एक कुत्ते की डेड बॉडी कुछ इसी तरह की हालत में पाई गई थी।
उस कुत्ते की लाश को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह मरने से तुरंत पहले किसी चीज या इंसान
पर भौंक रहा था। इन लाशों में एक और बात बेहद विस्मयकारी थी कि किसी भी लाश पर किसी भी तरह की चोट के निशान नहीं थे और यह लाशें सामान्य से तेजी गति से डीकंपोज हो रही थी। जब ओरांग मेडान को टो करके बंदरगाह की तरफ ले जाया जाने लगा तब उसकी निचली सतह से दुआ निकलना शुरू हो गया और फिर एक जोरदार धमाका होने के साथ औरंग मैडान सदा के लिए जलमग्न हो गया और उन सभी लाशों की इस दशा कारण एक अनसुलझा रहस्य बन कर रह गया।
वह s.o.s मैसेज किसने किया था और इस जहाज के क्रू मेंबर्स के एक जैसे भाव क्यों थे। क्या वह किसी अलौकिक घटना का शिकार हो गए थे या फिर कुछ और यह आज तक एक अनसुलझा सवाल है।

 

3. Nazca Lines

पेरू का नासका रेगिस्तान दुनिया की सबसे अनोखी और अज्ञात पहेली के लिए मशहूर है और उस पहेली का नाम है नासका लाइन्स।
नासका लाइन्स अनगिनत रेखाचित्र और फिगरस का समूह है जो बेहद विशाल है और ऐसा माना जाता है कि इन आकृतियों को 500 B.C. के आसपास के समय में नासका सभ्यता द्वारा बनाया गया था। इन लाइंस और रेखा चित्रों को जमीन को कुरेद कर बनाया गया है। इनमें कुछ आकृति है तो सामान्य है, लेकिन बहुत ही आकृतियां ज्योमैट्रिकल पेटर्न्स जीव जंतु पक्षियों और इंसानों को दर्शाती हैं। यह रहस्यमय आकृतियां आकार में इतनी बड़ी है कि जमीन से देखने पर यह सिर्फ मामूली रेखा ही लगती हैं, लेकिन आसमान से देखने पर इन चित्रों के अस्तित्व का पता चलता है। इन रेखा चित्रों में से सबसे बड़ा चित्र लगभग 300
मीटर का है और सबसे लंबी लाइन तकरीबन 14 किलोमीटर की है। इन आकृतियों और जमैट्रिकल डिजाइंस का सबसे बड़ा रहस्य है इनके बनाए जाने का कारण। कोई नहीं जानता, यह क्यों बनाए गए और 500 बीसी के समय में बिना किसी हवाई सहायता के इतना सटीक और डिटेल रेखाओं और चित्रों को जमीन पर उकेरा कैसे गया होगा। एक बड़ा सवाल यह भी है कि जब उस समय में हवा में उड़ने का कोई साधन या टेक्नोलॉजी ही नहीं तो नासकल लोगों ने इतने बड़े चित्रों को बनाया ही क्यों जिन्हें सिर्फ आसमान से ही देखा जा सके। क्या वह लोग ऐसे चित्र अपने ईश्वर के लिए बनाते थे या कोई और था जिन्हें खुश करने या किसी प्रकार का सिग्नल देने के लिए इतने विशालकाय चित्रों को बनाया गया। क्या वह किसी ऐसी सभ्यता के बारे में जानते थे जो आसमान से उन लोगों पर नजर रखे हुए थी। यहां मिली एक सीधी सपाट लंबी लाइन किसी एयरपोर्ट के रनवे जैसा प्रतीत होती है जो नासका के रहस्य को और ज्यादा गहरा बना देती है।
यह कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब आज तक कोई ढूंढ नहीं पाया है और नासका के रहस्य को जितना सुलझाने की कोशिश हुई है ये गुत्थी यहां पाए जाने वाली रेखाओं की तरह और भी ज्यादा उल्टी भी नजर आती है।


4. Death of Elisa Lam

19 फरवरी 2013 में लॉस एंजिलिस के तहसील होटल में ठहरे एक गैस्ट ने होटल के स्टाफ को कंप्लेंट करके बताया कि उनके बाथरूम में गंदा पानी आ रहा है और पानी में एक अजीब सी तेज गंध है। होटल मैनेजमेंट जब होटल के छत पर लगे वॉटर टैंक की जांच की तो पाया कि वॉटर टैंक में एक महिला की
लाश नग्न अवस्था में पड़ी थी और वह लाश काफी हद तक सड़ चुकी थी। जांच करने पर पता चला यह लाश 26 जनवरी 2013 में होटल में आई एक कैनेडियन महिला की थी जो यहां पढ़ाई करने आई थी और इस महिला का नाम अलीसा लेम था। अलीसा लेम को इस होटल में एक शेर रूम दिया गया था, जिसमें वह एक अन्य स्टूडेंट के साथ रह रही थी। लेकिन अलीशा के रूम मैंने होटल मैनेजमेंट को शिकायत करते हुए कहा कि अलीशा का बिहेवियर बेहद अजीब है और वह अलीशा को अपने साथ नहीं रखना चाहती। इस शिकायत पर गौर करते हुए होटल प्रशासन ने अलीसा लेम को एक पर्सनल रूम में शिफ्ट कर दिया। उसी रात अपने कमरे में जाते वक्त अलीशा की एलिवेटर के पास की कुछ वीडियो फुटेज होटल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई जिसमें अलीशा की अजीब और रहस्य में हरकतों को देखा जा सकता है। इस वीडियो फुटेज में एलीसा को आखरी बार देखा गया था तो आइए देखते हैं।


लिफ्ट में एंटर होते ही अलीशा आपाधापी में लिफ्ट के सारे बटन दबाने लगी। ऐसा लग रहा है मानो अलीशा किसी अदृश्य शक्ति से छुपने की कोशिश कर रही है और शायद वही सदृश्य साए को देख पा रही है। और वह बेहद डरे हुए भाव में किसी से बात कर रही है। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि इतनी देर में लिफ्ट के दरवाजों को खुद ब खुद बंद हो जाना चाहिए था, लेकिन इतनी देर से खुली पड़ी है। इस घटना की जांच के दौरान यह आशंका जताई गई कि अलीशा शराब या ड्रग्स के नशे में धुत थी लेकिन अलीशा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट इन आदेशों को सिरे से नकार ती है। इस घटना में जो बातें सबसे बड़ा सवाल पैदा करती है, वह यह है कि उस होटल की छत तक जाने के केवल दो ही रास्ते थे या तो एलीसा फायर एस्केप के रास्ते छत तक जा सकती थी, लेकिन फायर एस्केप पर जाने के लिए उसको होटल की खिड़की से चढ़कर जाना पड़ता जो कि एक बेहद मुश्किल काम था और या फिर अलीशा होटल की सीढ़ियों के द्वारा होटल की छत के दरवाजे तक जा सकती थी, लेकिन छत के दरवाजे पर एक अलार्म लगा हुआ था जो दरवाजा खुलते ही बज जाता। लेकिन उस रात वह अलार्म नहीं बजा था और यही नहीं सीडियो के द्वारा छत पर जाने के रास्ते में कई सीसीटीवी कैमरे मौजूद थे, जिनमें अलीशा की फुटेज कैद हो जाती, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। आखिर अलीशा होटल की छत तक पहुंची कैसे? यह मडर था या कोई सुसाइड केस या फिर अलीशा किसी पैरानॉर्मल घटना का शिकार हो गई थी। इस मिस्ट्री को आज तक कोई भी सुलझा नहीं सका है। इस होटल का इतिहास भी बेहद दिलचस्प है क्योंकि इसमें पहले भी पेरानार्मल घटनाएं घटित होने की पुष्टि हो चुकी है। इस पूरे केस में जो सवाल आज भी अनसुलझे हैं, वह यह है कि अलीशा की कोई भी सीसीटीवी फुटेज छत की ओर जाते वक्त क्यों नहीं आई। अगर यह कोई मर्डर था तो कातिल का कोई भी सुराग क्यों नहीं मिला और अगर यह सुसाइड था तो वह अलार्म युक्त दरवाजे से होते हुए 20 फीट की पानी की टंकी तक पहुंची कैसे और टंकी में कूदने से पहले एलिजा ने अपने सारे कपड़े उतार कर पानी में क्यों फेंके होंगे और उस पानी के टैंक के 10 किलो के ढक्कन को उसने खुद अंदर से बंद कैसे किया होगा और मरने से पहले अलीशा वह अजीब हरकतें क्यों कर रही थी।

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