Mysterious Discoveries in History | In Hindi
1.Incan Golden Figurines
सोने से बनी ये कलाकृतियां पहली नजर में तो यह किसी मछली या पक्षी की आकृति जैसी लगती हैं। लेकिन जब वैज्ञानिकों ने इन फिगर्स पर रिसर्च की तो उन रिसर्च के नतीजों को देखकर हर किसी के होश उड़ गए। सन् 1966 में जर्मन माडर्न एयरक्राफ्ट कंस्ट्रक्टर Peter Belting ने इन फिगर्स की हूबहू नकल करके इन फिगर्स का विशाल रूपांतरण तैयार किया और उसमें इंजन और रेडियो कंट्रोल सिस्टम को भी लगाया और जब इन रिप्लिकास को उडाया गया तो यह बिल्कुल एक आधुनिक विमान की तरह उड़ रहे थे।और यही नहीं यह रिप्लिकास किसी आधुनिक विमान की तरह ही हवा में कलाबाजी करने की योग्यता भी रखते थे।इस शोध से यह बात साबित हो गई कि हजारों साल पहले के लोगों को एयरोडायनामिक्स के सिद्धांतों की खासी जानकारी थी। लेकिन यह जानकारी उन लोगों के पास कहां से आई यह बात आज भी एक अबूझ पहेली बनी हुई है। जिसका जवाब ना तो किसी विज्ञानिक के पास है और ना ही किसी विशेषज्ञ के पास। फेरो से लगभग 100मील दूर 3000 साल पुराने एक इजिप्शियन मंदिर में भी ऐसे ही कुछ शिल्पकारी बरामद हुई है।जो दिखने में आज के किसी फाइटर प्लेन और हेलीकॉप्टर जैसी लगती है। तो क्या वाकई हजारों साल पहले के लोग विमान की टेक्नोलॉजी से वाकिफ थे। आपकी इस बारे में क्या राय है। हमारे साथ जरूर शेयर करें।2.तूतनखामेन का खंजर।
मिश्र के पिरामिड को हमेशा से ही एलियन से जोड़कर देखा जाता है और इस अगली खोज को देखकर भी आपको ऐसा ही लगेगा कि कुछ ना कुछ तो ऐसा जरूर है जो इजिप्ट और एलियंस के संबंध होने की तरफ इशारा करते हैं। सन 1922 में इजिप्ट के सबसे मिस्टीरियस फेरो तूतनखामेन के मकबरे से एक खंजर बरामत हुआ और इस खंजर पर किए गए शोधों के रिजल्ट ने दुनिया को चौका कर रख दिया। शोध में पाया गया कि जिस मटेरियल से इस खंजर को बनाया गया था वैसा कोई भी मटीरियल या पदार्थ हमारी पृथ्वी पर नहीं है और इसके बाद की खोज से यह साबित हुआ कि जिस मेटल से यह खंजर को बनाया गया था वह एक मेटियरोएड के आयरन से निकाला गया था। इस खंजर की खोज में सबसे आश्चर्यजनक बात यह थी कि सदियों पहले के इजिप्ट के लोगों के पास ऐसी टेक्नोलॉजी कहां से आई, जिसकी मदद से उन्होंने इस तरह के खंजर को बनाया। वहीं कुछ विशेषज्ञों ने अपनी थ्योरी में कहा है कि यह खंजर तूतनखामेन को एलियंस ने ही भेंट स्वरूप दिया था और यही नहीं पिरामिड बनाने की टेक्निक भी इजिप्शियंस को एलियंस से ही प्राप्त हुई थी।
3.Gaint Stone Spheres
National Museum of Costa Rica in San Jose ने एक जगह पर इन स्फेरिकल पत्थरों को खोजा और ऐसा माना जाता है कि यह खोज आर्कियोलॉजी विभाग की सबसे अद्भुत खोजों में से एक है। इनका डायमीटर कुछ सेंटीमीटर से लेकर 2 मीटर तक है और उनका वजन 16 टन तक है। इनका निर्माण कैसे हुआ, इसका पता आज तक कोई नहीं लगा पाया है और यह पत्थर बिल्कुल एक बॉल के आकार के खुद-ब-खुद कैसे हो गए, यह गुत्थी विज्ञान भी नहीं सुलझा पाया। इन पत्थरों की खोज सन 1930 में बनाना फॉरेस्ट की कटाई करते वक्त हुई थी। शुरुआत में पत्थरों को दैवी शक्तियों, एलियंस और खजानों से जोड़कर देखा गया और ऐसा माना जाने लगा कि इन पत्थरों के बीच में सोना है। लेकिन जब इनको डायनामाइट से फोड़ कर देखा गया तो यह बात झूठ निकली। लेकिन यह रहस्य आज भी बरकरार है कि इन पत्थरों का आकार ऐसा क्यों है?4.बगदाद बैटरी।
सन 1930 में बगदाद के पास एक शहर में आर्कियोलॉजी विभाग की खुदाई के दौरान उन्हें एक 13 सेंटीमीटर का जार मिला जिसके अंदर एक कॉपर सिलेंडर और एक आयरन रॉड थी। यह संरचना बिल्कुल आज की बैटरी जैसी थी और इन पर शोध करने के बाद साइंटिस्ट ने इस बात की पुष्टि की कि यह पुराने समय की बैटरी है। जिसकी मदद से 1 वोल्ट तक की इलेक्ट्रिसिटी पैदा की जा सकती है।हालांकि यह सवाल आज भी एक अनसुलझी पहेली है कि 2000 साल पहले के लोग इन बैटरीज का इस्तेमाल कहां करते होंगे और किस काम आती होंगी यह बैटरी। और उससे भी बड़ा सवाल यह है कि 2000 साल पहले के लोगों को बैटरी बनाने का ज्ञान कहां से मिला और यदि उस जमाने में बैटरी का आविष्कार हो चुका था तो फिर इतनी बड़ी खोज के विलुप्त होने के कारण क्या रहे होंगे। ऐसा क्या हुआ कि जिसकी वजह से इतनी उन्नत टेक्नोलॉजी विलुप्त हो गई।5.The Genetic Disk
इस अगली खोज को विज्ञानियों ने नाम दिया है The Genetic Disk. यह एक बेहद मजबूत मटेरियल से बनाया गया है। पुरातात्विक विभाग की शोध से यह बात सामने आई है कि जिस मटेरियल से इसको बनाया गया है उसके इतने मजबूत होने का कारण यह है कि इस मटेरियल को दो या दो से अधिक मटेरियल के मिश्रण से तैयार किया गया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इतने पहले के लोगों को ऐसी तकनीक का ज्ञान कहां से आया। इस डिस्क की सबसे विचित्र बात यह है कि इस डिस्क पर बने चित्र के द्वारा इंसानी भ्रूण के डेवलपमेंट प्रोसेस को दर्शाया गया है। इंसानी भ्रूण के निर्माण के प्रोसेस को दिखाने के लिए डॉक्टर को आज भी माइक्रोस्कोप की सहायता लेनी पड़ती है।नंगी आंखों से इंसानों के भ्रूण के डेवलपमेंट स्टेज्स देख पाना लगभग नामुमकिन है। इतने सालों पहले के लोगों ने इंसानी भ्रूण की डेवलपमेंट को कैसे जान लिया था और इन डेवलपमेंट स्टेजेस का इतना सटीक चित्रण कैसे किया गया था। क्या तब के लोगों के पास आज के माइक्रोस्कोप जैसा कोई यंत्र था। आपको क्या लगता है?इन रहस्यम खोजों के बारे में आप अपनी राय हमें कमेंट सेक्शन में जरूर दें और हमारी वेबसाइट के साथ जुड़े रहने के लिए हमें सब्सक्राइब/बुकमार्क करना ना भूले हम ऐसे ही रोचक रहस्य से भरपूर आर्टिकल आप तक पहुंचाते रहेंगे। बहुत जल्द मिलेंगे एक नई कहानी और मिस्ट्री के साथ तब तक के लिए नमस्कार।










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